दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है।
जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते
ढूंढ लेना अंधेरों में मंजिल अपनी
जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते
कड़ी से कड़ी जोड़ते जाओ तो जंजीर बन जाती है,
मेहनत पे मेहनत करते जाओ तो तकदीर बन जाती है ।
ज़िन्दगी छोटी नहीं होती बस
हमारी ख्वाइश बदल जाती है,
उसी तरह कोई बुरा नहीं होता
बस हमारी सोच बदल जाती है!
जिंदगी मिली है तो कुछ बन के दिखाऊंगा,
आज वक़्त खराब है तो क्या हुआ जनाब,
कल बदल कर दिखलाऊंगा।
कश्तियाँ बदलने की जरूरत नहीं,
दिशा को बदलो तो किनारे खुद-ब-खुद बदल जाते हैं |
पतझड़ हुए बिना
पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते ,
कठिनाई और संघर्ष सहे बिना
अच्छे दिन नहीं आते।
मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं,
फिर भी लोग इरादे तोड़ देते हैं,
अगर दिल में हो कुछ करने की चाहत,
तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।
बहाने वे ही बनाते हैं जो ,
अपने सपने को शिद्दत से नहीं चाहते
भीड़ में खड़ा होना मकसद नही है मेरा,
बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वो बनना है मुझे !!
हथेली पर रखकर नसीब तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है ..
सीख उस समंदर से .. जो टकराने के लिए .. पत्थर ढूंढता है !
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे !!
जब पढ़ते-पढ़ते राते छोटी लगे,
तो समझ लेना जीत का जुनून,
सर पर सवार है !
जो न पूरा हो उसे अरमान कहते हैं,
जो न बदले उसे ईमान कहते हैं,
ज़िन्दगी मुश्किलों में भले ही बीत जाये,
पर जो झुकता नहीं उसे इंसान कहते हैं।
अगर तुम चलने के लिए तैयार हो तो,
मंजिल तुम्हारे सामने झुकने के लिए तैयार हो जायेगी।
अपने आप पर काम करना शुरू करो,
बांकी सब कुछ खुद ब खुद हो जाएगा II
जिन के होठों पे हँसी पाँव में छाले होंगे,
वही लोग अपनी मंज़िल को पाने वाले होंगे।
जो फकीरी मिजाज रखते हैं
वो ठोकरों में ताज रखते हैं,
जिनको कल की फ़िक्र नहीं
वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा
अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है
काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,
यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,
जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए
मंजिल मिलेगी भटक कर ही सही
गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं
दुनिया का तो पता नहीं मेरा सिर्फ यही कायदा है
आज मेहनत कर लो
कल फिर फायदा ही फायदा है..!!
हर सपने को अपनी सांसों में रखो,
हर मंजिल को अपनी बाहों में रखो,
हर जीत आपकी है ए दोस्त,
बस अपने लक्ष्य को अपनी निगाहों में रखो !!
हौसले के तरकश में ,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख।
हार जा चाहे ज़िन्दगी में सब कुछ,मगर फिर से जीतने की –
उम्मीद ज़िंदा रख।
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते,
जो मिल गया उसे खोया नहीं करते |
सबकुछ मिल जायेगा तो तमन्ना किसकी करोगे,
अधूरी ख्वाहिशें ही तो जीने का मज़ा देती हैं।
ख़्वाइश ऐसी करो की
आसमान तक जा सको,
दुआ ऐसी करो की खुदा को
पा सको, यूं तो जीने के लिए पल बहुत कम हैं, जियो ऐसे की
उड़ान तो भरना है चाहे कई
बार गिरना पड़े सपनों को पूरा
करना है चाहे खुद से भी लड़ना पड़े।
जो दिखाई देता है वो हमेशा सच नहीं होता , बस यह निर्भर इस बात पर करता है कि आप उसे किस दिशा से देख रहे हैं ।
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं,
हम से ज़माना खुद है ज़माने से हम नहीं।।
खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
ख़ुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी राजा क्या है…..
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूं
ए मुश्किलों! देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूं
रास्ते कभी खत्म नहीं होते बस
लोग हिम्मत हार जाते हैं
तैरना सीखना है तो पानी में
उतरना ही होगा किनारे बैठकर कोई गोताखोर नहीं बनता।
जीतेंगे हम ये वादा करो,
कोशिश हमेशा ज्यादा करो,
किस्मत भी रूठे पर हिम्मत ना टूटे,
मजबूत इतना इरादा करो !
नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है,
सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है,
कश्तियाँ बदलने की जरूरत नहीं,
दिशा को बदलो तो किनारे खुद-ब-खुद बदल जाते हैं।
जिनको कल की फ़िक्र नहीं
वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
बदल जाओ वक़्त के साथ ,
या वक़्त बदलना सीख लो।
मजबूरियों को मत कोसो ,
हर हाल में चलना सीख लो
सपना एक देखोगे मुश्किलें हजार आएंगी
लेकिन वो मंजर बड़ा खूबसूरत होगा
जब कामयाबी शोर मचाएगी।
ना पढ़ी गीता मैंने ना गीता का ज्ञान है
मुझे तो बस इतना पता है मेहनत करने
वाले के साथ हमेशा भगवान है..!!
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाये नदी से समंदर की तलाश करो।
टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
बुरा वक्त नही बुरे हालात होते है
दिल साफ रखो तो खुदा भी पास होता है..!
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा
कुछ न होगा तो तज़रबा होगा
हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,
इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
सफल होने के लिए सबसे अच्छा नहीं,
बल्कि अपने आप से सच्चा होना बहुत ज़रूरी है II
इत्र से कपड़ों को महकाना कोई बड़ी बात नहीं हे,
मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबू आये।
लकीरें अपने हाथों की बनाना हमको आता है,
वो कोई और होंगे अपनी किस्मत पे जो रोते हैं।
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता
एक पत्थर तो तबीअ’त से उछालो यारो
जिसका लक्ष्य बड़ा होता है
उसके कदमो में सारा जहां होता है..!
जो अपने आप को पढ़ सकता है,
वो दुनिया में कुछ भी सीख सकता है।