100+ BEST JAUN ELIA SHAYARI | जॉन एलिया शायरी इन हिंदी

जॉन एलिया शायरी / JAUN ELIA SHAYARI - JAUN ELIA SHAYARI,  14 दिसंबर, 1931 को भारत के उत्तर प्रदेश के अमरोहा में जन्मे जौन एलिया पाकिस्तानी मूल के एक प्रसिद्ध कवि, लेखक थे। अपनी भारतीय जड़ों के बावजूद, एलिया 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए थे। उन्होने जीवन के ऊपर, इंसान क्यों है और ऐसे विषयों पर लिखा जिससे उनकी फलसफा को समझा जा सकता है|
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New JAUN ELIA SHAYARI Status

जॉन एलिया शायरी / JAUN ELIA SHAYARIJAUN ELIA SHAYARI,  14 दिसंबर, 1931 को भारत के उत्तर प्रदेश के अमरोहा में जन्मे जौन एलिया पाकिस्तानी मूल के एक प्रसिद्ध कवि, लेखक थे। अपनी भारतीय जड़ों के बावजूद, एलिया 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए थे। उन्होने जीवन के ऊपर, इंसान क्यों है और ऐसे विषयों पर लिखा जिससे उनकी फलसफा को समझा जा सकता है|

इसी लिए हम यह पोस्ट लाये है जिसमे आपके लिए ढेर सारे JAUN ELIA Shayari, JAUN ELIA Messages, JAUN ELIA Shayari Status, JAUN ELIA SHAYARI, JAUN ELIA SHAYARI IN HINDI MESSAGE, JAUN ELIA SHAYARI URDU IMAGES, ROMANTIC JAUN ELIA SHAYARI STATUS, JAUN ELIA SHAYARI ON LIFE, BEST JAUN ELIA SHAYARI आदि हैं जो आपको बहुत पसंद आने वाले हैं। और आप उन्हें अपने Whatsapp status, Instagram, Facebook पर भी लगा सकते है। अगर आप चाहे तो उन्हें अपने प्यारे दोस्तों को और अपने जानने वालों को भी भेज सकते हैं| यदि आपको यह पोस्ट पसंद आती है तो शेयर जरूर करें।

JAUN ELIA SHAYARI Status | जॉन एलिया शायरी स्टेटस इन हिंदी

JAUN-ELIA-SHAYARI-(50)

अब मैं सारे जहाँ में हूँ बदनाम,
अब भी तुम मुझको जानती हो क्या..!!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(42)

ज़िन्दगी किस तरह बसर होगी,
दिल नहीं लग रहा मुहब्बत में।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(34)

हैरूह प्यासी कहाँ से आती है
ये उदासी कहाँ से आती है

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(26)

मुझसे कहती थीं वो शराब आँखें
आप वो ज़हर मत पिया कीजे….

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(18)

सारे रिश्ते तबाह कर आया,
दिल-ए-बर्बाद अपने घर आया
मैं रहा उम्र भर जुड़ा खुद से,
याद मैं खुद को उम्र भर आया।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(10)

मुझे अब तुम से डर लगने लगा है
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(2)

एक हुनर हैं जो कर गया हुँ मैं,
सबके दिल से उतर गया हुँ मैं,
क्या बताऊँ की मर नहीं पाता,
जीते जी जब से मर गया हुँ मैं।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(1)

शर्म, दहशत, झिझक, परेशानी,
नाज़ से काम क्यों नहीं लेतीं,
आप, वो, जी, मगर, ये सब क्या है,
तुम मेरा नाम क्यों नहीं लेतीं।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(9)

ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं,
वफ़ा-दारी का दावा क्यूँ करें हम

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(17)

चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,​
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(25)

जमा हम ने किया है ग़म दिल में,
इस का अब सूद खाए जाएँगे

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(33)

उस गली ने ये सुन के सब्र किया,
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(41)

सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई,
देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ..!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(49)

मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए,
आइना देखा गया, बाल सँवारे गए..!!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(48)

मर गए ख़्वाब सबकी आंखों के,
हर तरफ है गिला हकीक़त का।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(40)

चारसाजों की चारासाजी से
दर्द बदनाम तो नहीं होगा
हाँ, दवा दो, मगर ये बतला दो
मुझ को आराम तो नहीं होगा.

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(32)

और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(24)

मैं तो बस एक नाम था और मुझे हवाओं में,
धूल पे लिख दिया गया और उड़ा दिया गया।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(16)

अपना ख़ाका लगता हूँ,
एक तमाशा लगता हूँ !
अब मैं कोई शख़्स नहीं,
उस का साया लगता हूँ !

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(8)

बोहोत दिल को कुशादा कर लिया क्या,
ज़माने भर से वादा कर लिया क्या,
बोहोत नजदीक आती जा रही हो,
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(7)

लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(15)

जाने उस से निभेगी किस तरह
वो ख़ुदा है मैं तो बंदा भी नहीं

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(23)

गवाई किस तमन्ना में ज़िन्दगी मैंने,
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैंने,
तेरा ख़याल तो है, पर तेरा वजूद नहीं,
तेरे लिए ये महफ़िल सजाई मैंने।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(31)

सारी गली सुनसान पड़ी थी बाद-ए-फ़ना के पहर में
हिज्र के डालन और आँगन में बस एक साया ज़िंदा था।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(39)

ख़ूब है इश्क़ का ये पहलू भी,
मैं भी बर्बाद हो गया तू भी..!!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(47)

ये मत भूलो कि ये लम्हात हम को,
बिछड़ने के लिए मिलवा रहे हैं..!!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(46)

मेरा एक मशवरा है इल्तेज़ा नहीं,
तू मेरे पास से इस वक़्त जा नहीं..!!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(38)

शर्मिंदगी है हम को बहुत हम मिले तुम्हें
तुम सर-ब-सर ख़ुशी थे मगर ग़म मिले तुम्हें

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(30)

न कोई ज़ख़्म न मरहम कि ज़िंदगी अपनी
गुज़र रही है हर एहसास को गँवाने में
मगर ये ज़ख़्म ये मरहम भी कम नहीं शायद
कि हम हैं एक ज़मीं पर और इक ज़माने में

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(22)

उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी,
मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी,
मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(14)

रोया हूँ तो अपने दोस्तों में
पर तुझ से तो हँस के ही मिला हूँ।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(6)

नया एक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम,
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(5)

जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(13)

यूँ जो ताकता है आसमान को तू,
कोई रहता है आसमान में क्या?
यह मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता,
एक ही शख्स था जहां में क्या?।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(21)

वो ख़याल-ए-मुहाल किस का था,
आइना बे-मिसाल किस का था!
सफ़री अपने आप से था मैं,
हिज्र* किस का विसाल* किस का था!
मैं तो ख़ुद में कहीं न था मौजूद,
मेरे लब पर सवाल किस का था!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(29)

सो गए पेड़ जग उठी खुशबू
जिंदगी ख्वाब क्यों दिखाती है।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(37)

अब तो उस के बारे में तुम जो चाहो वो कह डालो,
वो अंगड़ाई मेरे कमरे तक तो बड़ी रूहानी थी

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(45)

दिल तमन्ना से डर गया जनाब,
सारा नशा उतर गया जनाब..!!

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(36)

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस,
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(28)

वक्त के रास्ते से हम तुम को,
एक ही साथ तो गुजरना था,
हम तो जी भी नहीं सके एक साथ,
हम को एक साथ मारना था।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(20)

कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(12)

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(4)

बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(3)

हमारे ज़ख़्म ए तमन्ना पुराने हो गए हैं,
कि उस गली में गए अब ज़माने हो गए हैं।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(11)

शहर आबाद कर के शहर के लोग,
अपने अंदर बिखरते जाते हैं….

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(19)

सब दलीलें तो मुझको याद रही
बहस क्या थी उसी को भूल गया।

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(27)

क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं

जौन एलिया
JAUN-SHAYARI-(35)

अब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ पर,
कब परिंद उड़ नहीं पाते हैं परों के होते

जौन एलिया

हम को यारों ने याद भी न रखा,
‘जौन’ यारों के यार थे हम तो..!!

जौन एलिया

हम वो हैं जो खुदा को भूल गए
तुम मेरी जान किस गुमान में हो

जौन एलिया

देख लो मैं क्या कमाल कर गया हूं
जिंदा भी हूं और इंतकाल कर गया हूं

जौन एलिया

न करो बहस हार जाओगी,
हुस्न इतनी बड़ी दलील नहीं..!!

जौन एलिया

ऐलान उसका देखिए कि मजे में है
या तो कोई फ़कीर है या फ़िर नशे में है

जौन एलिया

तुम पे मरने से कहीं बेहतर था
हम किसी हादसे में मर जाते

जौन एलिया

पड़ी रहने दो इंसानों की लाशें,
ज़मीं का बोझ हल्का क्यूँ करें हम..!!

जौन एलिया

कौन कहता है उमर भर निबाह कीजिए
बस आइये, बैठिए, फ़ना कीजिये , तबाह कीजिए

जौन एलिया

क्यूं न चेहरों पे अब वो रंग खिलें
अब तो खाली है रूह, जज़्बों से
अब भी क्या हम तपाक से न मिलें

जौन एलिया

मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं

जौन एलिया

बोलते क्यूं नहीं मेरे हक़ में,
आबले पड़ गए ज़बान में क्या?

जौन एलिया

कोई ताल्लुक़ ही ना रहे
जब कि सबब भी बाकी हो
क्य़ा मैं अब भी ज़िन्दा हूँ
क्य़ा तुम अब भी बाकी हो

जौन एलिया

वक़्त किसी के पास नहीं होता है
रिश्ते निभाने के लिए
वक़्त निकालता पड़ता है.

जौन एलिया

क्या कहें कितनी ही बातें थीं जो अब याद नहीं
क्या करें हम से बड़ी भूल हुई , भूल गए !

जौन एलिया

शब जो हमसे हुआ मुआफ़ करो
नहीं पी थी बहक गए होंगे

जौन एलिया

जो ज़िंदगी बची है उसे मत गंवाइये
बेहतर ये है कि आप मुझे भूल जाइए …!!!

जौन एलिया

बात ये है कि लोग बदल गए हैं
ज़ुल्म ये है कि वो मानते भी नहीं

जौन एलिया

ऐ जाने-अहदो-पैमां, हम घर बसाएंगे हां
तू अपने घर में होगा, हम अपने घर में होंगे

जौन एलिया

हम को सौदा था सर के मान में थे,
पाँव फिसला तो आस्मान में थे।
है निदामत लहू न रोया दिल,
ज़ख्म दिल के किसी की चटान में थे।

जौन एलिया

मेरे गुस्से का असर क्या होगा…
मुझे गुस्से में हसी आती है..

जौन एलिया

मैं ले के दिल के रिश्ते घर से निकल चुका हूं
दीवारो-दर के रिश्ते, दीवारो-दर में होंगे

जौन एलिया

कौन सीखा है सिर्फ बातों से,
सबको एक हादसा जरूरी है

जौन एलिया

दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते

जौन एलिया

मुझ को आदत है रूठ जाने की
आप मुझ को मना लिया कीजे

जौन एलिया

आंगन से वो जो पिछले दालान तक बसे थे
जाने वो मेरे साए अब किस खन्डर में होंगे

जौन एलिया
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