नादान होते है वो,
जो वफा कि तलाश करते है,
ये नही सोचते कि,
अपनी सांस भी एक दिन
बेवफा हो जाती है.
आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है
बशीर बद्र
बेवफ़ाई कभी कभी करना
हमें ना मोहब्बत मिली ना प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला।
उसके शहर में प्यार के मेले हैं,
उसकी बेवफाई के हर दर्द झेले हैं,
मेरे इश्क़ का तग़ज़ा तो देखो,
उसे पाने के खातिर मौत से भी खेले हैं।
हर घड़ी इस जिन्दगी को आजमाया है हमने,
इस जिन्दगी में सिर्फ गम पाया है हमने
जिस ने हमारी कभी कदर ही न जानी,
उस बेवफा को इस दिल में बसाया है हमने…!!
खाली ख्वाब की पोटली लिए वर्षो से
आसुओं से भर बैठा हु ,
एक बेवफा से कितनी वफा कर बैठा हूं ।
जब सवाल उठेगा जमाने में,
रुस्वा चाहत तुम्हारी होगी,
गर बेवफा हम कहलाए तो,
बदनाम मोहब्बत तुम्हारी होगी…
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे न सके वो
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है,
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है,
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है।
तुम समझ लेना बेवफा मुझको, मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा,
ये वजह अच्छी होगी , एक दूसरे को भूल जाने के लिये।
भूलना था तो ये इकरार किया ही क्यों था
बेवफा तूने मुझे प्यार किया ही क्यों था ।
तेरा गले लगना भी अब दिखावा लगता है
यूँ बात बात पर मुझको जताया ना कर
हो चुका हूँ वाक़िफ, तेरे रग-रग से ऐ बेवफा
ये झूठी मोहब्बत दिखाया ना कर..!
पत्थर की ये दुनिया जज्बात नहीं समझती,
दिल में है जो वो बात नहीं समझती,
तन्हा तो चांद भी है सितारों के बीच,
मगर चांद का दर्द बेवफा रात नहीं समझती।
जिससे हमने बेवफाई पायी,
वो हमसे वफ़ा की उम्मीद करते हैं,
दिल पर जख़्म देके,
निशान शरीर पर ढूंढ़ते हैं।
इक अजब हाल है कि अब उस को
जौन एलिया
याद करना भी बेवफ़ाई है
तेरे आने से पहले तेरे कदमों
की आहट जान लेते हैं,
ऐ बेवफा हम आज भी
तुझे दूर से ही पहचान लेते है।
हमदम तो ता उम्र साथ चलते हैं,
राहें तो बेवफ़ा बदलते हैं,
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में,
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी.
वो बेवफ़ाई करके भी
हस हस के जी रहे हैं…
हम वफाएं करके भी
तंहा रो रहे हैं!!
जिनसे थे मेरे नैन मिले,
बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले ।
इतना प्यार करने के बाद भी,
सनम मेरे बेवफा निकले।
बेवफा लोगों को भूलना अगर आसान होता
तो ए दिल तेरा हम पर बहुत
बड़ा एहसान होता..!!
दिल में आने का तो रास्ता होता है पर,
जाने का नही इस लिए जब भी कोई इंसान जाता है,
दिल तोड़ कर ही जाता है !
कभी मिले फुर्सत तो
इतना जरूर बताना,
वो कौन सी मोहब्बत थी
जो हम तुम्हे ना दे सके।
मेरी सच्ची मोहब्बत पर उस बेवफा ने
बार बार सितम ढाया है
तब भी ना जाने ये दिल उसे क्यों नहीं
भूल पाया है..!!
भुला दूंगा तुम्हे भी थोड़ा सबर रखना
तुम्हारी तरह बेवफा होने में थोडा वक्त लगेगा
इस इश्क में वफा करके भी हम बदनाम हो गए!..
और वह प्यार में बेवफाई करके भी मशहूर हो गए!..
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से.
बेवफ़ाई से ज्यादा क्या चीज होगी,
ग़म-ए-हालत जुदाई से बढ़कर क्या होगी,
जिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिए,
सज़ा तन्हाई से बढ़कर और क्या होगी।
माना की हम गलत थे तुझसे मोहब्बत कर बैठे,
रोये गी तू भी ऐसी वफा की तलाश में।
तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें
बहादुर शाह ज़फ़र
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
गलत लोग तो
सभी के जीवन में आते है,
लेकिन सीख हमेसा
सही ही देकर जाते है
बरबाद कर गया वो जिंदगी प्यार के नाम पर,
बेवफाई मिली सिर्फ वफा के नाम पर,
ज़ख्म ही ज़ख्म दिया उसने दवा के नाम पर,
खुद भी रो पड़ी वो मेरी मोहब्बत के अंजाम पर।
वफा करने से मुकर गया है दिल
अब प्यार करने से डर गया है दिल
अब किसी सहारे की बात मत करना
झूठे दिलासों से अब भर गया है दिल |
रो पड़ा वो फकीर भी मेरे हाथों की लकीरें देखकर,
बोला तुझे मौत नहीं किसी की याद मारेगी !
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया।
मत बहा आंसुओं में जिंदगी को;
एक नए जीवन का आगाज़ कऱ;
दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो;
ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर।
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से..
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।
शिरकत करते रहते है वो वफा की उम्मीद के साथ,
फिर क्यों महफिल में सामिल होते है गैर के साथ ।
हर धड़कन में एक राज़ होता है,
बात को बताने का एक अंदाज़ होता है।
जब तक ठोकर न लगे बेवाफ़ाई की
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
दुनिया में अगर जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते यहा,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती।
सुनो वफ़ा की शर्त ना रखो,
मुझे तुम हारते हुए अच्छे नहीं लगते।।
कभी महफिलें सजाया करते थे
तेरी मोहब्बत के तरानों से
अब महखानें सजाया करते हैं
तेरी बेवफाई की दास्तानों से
न रहा कर उदास ऐ दिल
किसी बेवफा की याद में,
वो खुश है अपनी दुनिया में
तेरा सबकुछ उजाड़ के।
दिया है जो इलज़ाम तूने बेवफ़ा सनम,
मेरी साफ़ मुहब्बत पर,
लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम,
प्यार की निशानी समझकर।
जख्मों को हमने खुद ही सिना सीख लिया है,
जीते है कैसे हमने जीना सीख लिया है,
अक्सर जो बहते रहते थे आंखों के रास्ते,
हमने भी उन अश्कों को पीना सीख लिया है.
कभी जिनकी आंखों से
वफाओं के आंसू गिरा करते थे…
आज उन आंखों में
बेवफाई की बेहयाई नजर आती है!!
पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफाई
बड़ी तरतीब से एक सख्स ने तबाह किया मुझे
जितने आंसू मैंने बहा दिए तेरे लिए
इतने तो तेरे अपने भी नहीं बहाएंगे तेरे लिए..!!
वो दिल लगा के मेरे
दिल से खेलते रहे,
हम सर झुका के सारे
सितम झेलते रहे।