RAHAT INDORI SHAYARI | RAHAT INDORI SHAYARI MESSAGE | RAHAT INDORI SHAYARI IMAGES | RAHAT INDORI SHAYARI STATUS
New RAHAT INDORI SHAYARI Status in Hindi
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI SHAYARI in HINDI – RAHAT INDORI SHAYARI / RAHAT SHAYARI YE POST राहत इंदौरी साहब की शायरी का नमूना है| इसके बारे में लिखना बहुत ही मुश्किल इसलिए नहीं की उसको समझना मुश्किल है, बल्कि इस शायरी को शब्दों में समझाना ही सबसे बड़ी कमी होगी| इस श्यारी को पड़ने के बाद आप अपने आस पास होने वाले छोटे से छोटे पल को बड़ी गहरायी से देखने पर मजबूर हो जाएंगे|
राहत इंदौरी साहब अपने बड़े सरल शब्दों में बहुत ही वज़नदार बाते बोल दिया करते थे| बड़े ही अफ़सोस की बात है की वह अब हमारे बीच में नहीं है पर उनके शब्द आज भी भूले नहीं गए|
तो उनके शब्दों से आपकी मुलाक़ात करते है इस पोस्ट के माधयम से, जिसमे आपके लिए ढेर सारे RAHAT INDORI Shayari, RAHAT SHAYARI, RAHAT INDORI Shayari Messages, RAHAT Shayari Messages, RAHAT INDORI Shayari Status, RAHAT Shayari Status आदि हैं जो आपको बहुत पसंद आने वाले हैं। और आप उन्हें अपने Whatsapp status, Instagram, Facebook पर भी लगा सकते है। अगर आप चाहे तो उन्हें अपने प्यारे दोस्तों को और अपने जानने वालों को भी भेज सकते हैं| यदि आपको यह पोस्ट पसंद आती है तो शेयर जरूर करें।
RAHAT INDORI SHAYARI Status in Hindi | राहत इंदौरी शायरी स्टेटस इन हिंदी
जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मोहब्बत करने वाला जा रहा है |
हमारे शहर के मंज़र न देख पाएँगे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
यहाँ के लोग तो आँखों में ख़्वाब रखते हैं |
तसव्वुर में न जाने कौन आया
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
महक उट्ठे दर-ओ-दीवार मेरे |
वबा ने काश हमें भी बुला लिया होता
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
तो हम पे मौत का एहसान भी नहीं होता |
चाँद रातों में हमें डसता है दिन में सूरज
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
शर्म आती है अंधेरों से कमाई लेते |
हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जान होती तो मिरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते..
तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो,
सितम करो तो मिसाल कर दो,
करम करो तो कमाल कर दो |
ये सहारा जो नहीं हो तो परेशान हो जाएँ,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मुश्किलें जान ही लेलें अगर आसान हो जाएँ,
ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं,
मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएँ तो इंसान हो जा |
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें..
तुम ने जो तोड़ दिए ख़्वाब हम उन के बदले
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
कोई कीमत कभी लेते तो खुदाई लेते |
सियासत में ज़रूरी है रवादारी समझता है
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वो रोज़ा तो नहीं रखता पर इफ्तारी समझता है |
तुम्हारा नाम दुनिया जानती है
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
बहुत रुस्वा हैं अब अशआर मेरे |
शजर हैं अब समर-आसार मेरे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
चले आते हैं दावेदार मेरे |
विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है |
बोतलें खोल कर तो पी बरसों
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
आज दिल खोल कर भी पी जाए |
मुहाजिर हैं न अब अंसार मेरे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मुख़ालिफ़ हैं बहुत इस बार मेरे |
भँवर में रुक गई है नाव मेरी
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
किनारे रह गए इस पार मेरे |
मैं साँसें तक लुटा सकता हूँ उसके एक इशारे पर
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मगर वो मेरे हर वादे को सरकारी समझता है |
वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया |
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं |
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे |
जो दुनिया को सुनाई दे उसे कहते हैं ख़ामोशी
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जो आँखों में दिखाई दे उसे तूफ़ान कहते हैं |
प्यार के उजाले में गम का अंधेरा क्यों है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है,
मेरे रब्बा अगर वो मेरा नसीब नहीं तो,
ऐसे लोगों से हमें मिलाता क्यों है |
मैं ख़ुद अपनी हिफ़ाज़त कर रहा हूँ
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
अभी सोए हैं पहरे-दार मेरे |
कसीदा किस तरह लिखना कसीदा किस तरह पढ़ना
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वो कुछ समझे ना समझे राग दरबारी समझता है |
यहाँ इक बूँद का मुहताज हूँ मैं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
समुंदर हैं समुंदर पार मेरे |
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई माँगे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई माँगे |
दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
सब अपने चेहरों पे दोहरी नक़ाब रखते हैं |
अभी मुर्दों में रूहें फूँक डालें
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
अगर चाहें तो ये बीमार मेरे |
जो दुनिया को सुनाई दे उसे कहते हैं ख़ामोशी
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जो आँखों में दिखाई दे उसे तूफ़ान कहते हैं |
बैर दुनिया से कबीले से लड़ाई लेते
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
एक सच के लिए किस किस से बुराई लेते |
दो गज़ सही मगर ये मेरी मिल्कियत तो है
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया |
मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है |
धनक है, रंग है, एहसास है की खुशबू है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
चमक है, नूर है, मुस्कान है के आँसू है,
मैं नाम क्या दूं उजालों की इन लकीरों को
खनक है, रक्स है, आवाज़ है की जादू है |
गुलाब, ख़्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या है
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मैं आ गया हूँ, बता इंतज़ाम क्या क्या है |
आबले अपने ही अंगारों के ताज़ा हैं अभी
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
लोग क्यों आग हथेली पे पराई लेते |
नए सफ़र का जो एलान भी नहीं होता
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
तो ज़िंदा रहने का अरमान भी नहीं होता |
हवाएँ ओढ़ कर सोया था दुश्मन
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
गए बेकार सारे वार मेरे |
हमें चराग़ समझ कर बुझा न पाओगे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
हम अपने घर में कई आफ़्ताब रखते हैं |
बहुत से लोग कि जो हर्फ़-आशना भी नहीं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
इसी में ख़ुश हैं कि तेरी किताब रखते हैं |
मैं आ कर दुश्मनों में बस गया हूँ
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
यहाँ हमदर्द हैं दो-चार मेरे |
तमाम फूल वही लोग तोड़ लेते हैं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वो जिन के कमरों में गुल-दान भी नहीं होता |
बर्फ़ की तरह दिसम्बर का सफ़र होता है
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
हम उसे साथ न लेते तो रज़ाई लेते |
मेरे हुजरे में नहीं और कहीं पर रख दो
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
आसमाँ लाए हो ले आओ ज़मीं पर रख दो |
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो |
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए,
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए |
तूफ़ानों से आँख मिलाओ सैलाबों पे वार करो
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो तैर के दरिया पार करो |
कितना मानूस सा हमदर्दों का ये दर्द रहा
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
इश्क़ कुछ रोग नहीं था जो दवाई लेते |
ख़मोशी ओढ़ के सोई हैं मस्जिदें सारी
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
किसी की मौत का एलान भी नहीं होता |
हँसी में टाल देना था मुझे भी
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ख़ता क्यूँ हो गए सरकार मेरे |
ये मय-कदा है वो मस्जिद है वो है बुत-ख़ाना
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
कहीं भी जाओ फ़रिश्ते हिसाब रखते हैं |
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,
यह क्या हमें उड़ने से खाक रोकेंगे
कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं.
नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं.
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे.
तन्हाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वही से शुरू होती है ज़िन्दगी हमारी,
नहीं सोचा था चाहेंगे हम तुम्हे इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किस्मत हमारी.
सफ़र की हद है वहाँ तक की कुछ निशान रहे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे,
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे.
विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है.
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूँ,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूँ,
दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ.
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
दोस्तो दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो.
मैं एक गहरी ख़ामोशी हूँ आ झिंझोड़ मुझे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मेरे हिसार में पत्थर-सा गिर के तोड़ मुझे,
बिखर सके तो बिखर जा मेरी तरह तू भी,
मैं तुझको जितना समेटूँ तू उतना जोड़ मुझे.
तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके,
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके.
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए.
जहाँ से गुजरो धुआं बिछा दो,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जहाँ भी पहुंचो धमाल कर दो,
तुम्हें सियासत ने हक दिया है,
हरी जमीनों को लाल कर दो.
जा के ये कह दे कोई शोलों से चिंगारी से इश्क़ है
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
फूल इसबार खिलेगी बड़ी तैयारी है
मुदात्तो क बाद यु तब्दिल हुआ है मौसम
जैसे छुटकारा मिली हो बीमारी से.
ये दुनिया है इधर जाने का नईं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुजर जाने का नईं.
जो छेड़ दे कोई नगमा तो खिल उठें तारे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
हवा में उड़ने लगी रोशनी के फव्वारे,
आप सुनते ही नजरों में तैर जाते हैं,
दुआएं करते हुए मस्जिदों के मीनारें.
कम नहीं हैं मुझे हमदमों से,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मेरा याराना है इन गमों से,
मैं खुशी को अगर मुंह लगा लूं,
मेरे यारों का दिल टूट जाए.
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,
मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं.
यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान पढ़ते हैं,
यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं,
वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं.
तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो,
सितम करो तो मिसाल कर दो,
करम करो तो कमाल कर दो।
तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
तुम्हारे वादे का क्या भरोसा,
जो पल की कह दो तो कल बना दो,
जो कल की कह दो तो साल कर दो.
साँसे हैं हवा दी है, मोहब्बत है वफ़ा है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
यह फैसला मुश्किल है कि हम किसके लिए हैं,
गुस्ताख ना समझो तो मुझे इतना बता दो,
अपनों पर सितम है तो करम किसके लिए हैं.
तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
तुम्हारे वादे का क्या भरोसा,
जो पल की कह दो तो कल बना दो,
जो कल की कह दो तो साल कर दो।
जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से,
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से.
दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते हैं,
हमें चराग समझ कर भुझा ना पाओगे,
हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं.
जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से,
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए.
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें.
नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं।
लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे.
ये जा के मील के पत्थर पे कोई लिख आये
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
वो हम नहीं हैं, जिन्हें रास्ता चलाता है.
सफ़र की हद है वहाँ तक की कुछ निशान रहे,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे,
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
दोस्ती जब किसी से की जाए
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
दुश्मनों की भी राय ली जाए.
सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे.
सरहदों पर तनाव हे क्या,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ज़रा पता तो करो चुनाव हैं क्या,
शहरों में तो बारूदो का मौसम हैं,
गाँव चलों अमरूदो का मौसम हैं।
आँख में पानी रखो, होंटों पे चिंगारी रखो
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ज़िंदा रहना है तो, तरकीबें बहुत सारी रखो.
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं.
जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं,
अगर अनारकली हैं सबब बगावत का,
सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते हैं।
नए किरदार आते जा रहे हैं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मगर नाटक पुराना चल रहा है.
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो.
इश्क़ में जीत के आने के लिए काफी हूं,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मैं निहत्था ही जमाने के लिए काफी हूं,
मेरी हर हकीकत को मेरी ख़ाक समझने वाले,
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए हीं काफी हूं।
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
दोस्तो दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो.
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें.
हर एक हर्फ का अन्दाज बदल रक्खा है,
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रक्खा है।
.बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए.
अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी ना सकूँ
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी ना सकूँ
फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी ना सकूँ।
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे.
रोज पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है.
मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे
अजनबी ख़्वाहिशें, सीने में दबा भी न सकूँ
राहत इंदौरी / RAHAT INDORI
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे, कि उड़ा भी न सकूँ.