इश्क़ तो राधा ने किया था जिसको कृष्ण की
दूरियां भी मंज़ूर थी और रुक्मणी भी कुबूल थी।
पाने को ही प्रेम कहे,
जग की ये है रीत..
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी
राधा-कृष्णा की प्रीत।
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती।
प्रेम ज़िद से नहीं किस्मत से मिलता है,
वरना पूरी दुनिया का मालिक
अपनी राधा के बिना नहीं रहता।
सांवरे तेरी मोहब्बत को, नया अंजाम देने की तैयारी हैं,
कल तक मीरा दीवानी थी, आज मेरी बारी हैं..!!
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन
भई वो प्रेम दिवानी,
जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ
दौड़ी आये राधा रानी…
राधा की कृपा,
कृष्णा की कृपा,
जिस पर हो जाए,
भगवान को पाए,
मौज उड़ाए,
सब सुख पाए |
श्री राधा जी ने निज श्याम को ऐसा अपनाया
कि फिर कोई उन्हें उनसे दूर न कर पाया।
कान्हा की बंसी में राधा की धुन बजती है ,
इसी से राधा के दिल में प्रेम की जोतत जलती है ..!!
राधा की कृपा, कृष्णा की कृपा, जिस पर हो जाए,
भगवान को पाए, मौज उड़ाए, सब सुख पाए।
संगीत है श्रीकृष्ण, सुर है श्रीराधे,
शहद है श्रीकृष्ण, मिठास है श्रीराधे,
पूर्ण है श्रीकृष्ण, परिपूर्ण है श्रीराधे,
आदि है श्रीकृष्ण, अनंत है श्रीराधे।
कोई प्रेम करे तो राधा कृष्ण की तरह करें
एक बार मिले, फिर कभी बिछड़े ही नही !
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है !
जिस पर राधा को मान हैं,
जिस पर राधा को गुमान हैं,
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं…
कितनी खूबसूरत है राधा के ख्यालों की दुनिया,
माखन चोर से शुरू होती है और कृष्ण पर खत्म।
राधा की हृदय में श्री कृष्ण, राधा की साँसों में श्री कृष्ण,
राधा में ही हैं श्री कृष्ण, इसीलिए दुनिया कहती हैं
राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण
राधा की चाहत हैं कृष्ण,
उसके दिल की विरासत हैं कृष्ण,
चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण,
दुनिया तो फिर भी यही कहती हैं,
राधे कृष्ण राधे कृष्ण।
राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार,
क्योंकि यही हैं वो नाम हैं जिससे कृष्ण को हैं प्यार।
श्याम की बंसी जब भी बजी है,
राधा के मन में प्रीत जगी है।
जिस दिन हमारा मन राधा कृष्णा को याद करेगा
उसमें दिलचस्पी लेगा, उसी दिन से
परेशानियां आना बंद हो जाएगी।
राधा मेरे नसीब में कुछ भी लिखा हो
लेकिन कृष्ण मेरे दिल में हमेशा रहोगे…!!
राधा-कृष्ण ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है,
बिना कहे जो समझ में आ जाए,
प्रेम ऐसी भाषा है…
राधा ने किसी और की तरफ देखा हीं नहीं,
जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गई,
कान्हा के प्यार में पड़कर,
वो खुद प्यार की परिभाषा हो गई।
जब तक राधा के दिल में
कान्हा बसते रहेंगे…
तब तक इस दुनिया में
प्रेम के फूल खिलते रहेंगे…
प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी !
अधूरा है मेरा इश्क तेरे नाम के बिना,
जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना |
प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है
ठीक वैसे हीं जैसे……
प्यार में कृष्ण का नाम राधा और राधा का नाम कृष्ण होता है|
भाग्यवान वह होते हैं, जो राधा कृष्ण
के दरबार में शीश झुकाते हैं।
श्री राधा जहाँ-जहां श्री कृष्ण वहाँ-वहाँ है,
जो हृदय में बस जाएँ वो बिछड़ता कहाँ है|
तुम्हारी बंसी की धुन
पर नाचती है वो
मीरा की तरह,
प्रेम तुमसे करती है वो
राधा की तरह…
अर्जुन के तुम सारथी थे
अब उसके भी सारथी बनो,
तुम्ही उसकी नैया पार लगाओ,
केवट की तरह…।
कर भरोसा राधे नाम का धोखा कभी न खायेगा
हर मौके पर कृष्ण तेरे घर सबसे पहले आयेगा |
माना कि मुझमे मीरा सी..कोई कशिश नही,
गोपी के जैसे रो सकू..वो जज्बात नही,
एकबार मेरे साँवरे इस..दिल की भी सुनो,
मेरे राधा कृष्णा मुरारी।
प्रेम में इतना सामर्थ्य होता है कि
प्रेम अपने साथ-साथ संपूर्ण सृष्टि का पालन-पोषण करता है,
यदि प्रेम राधा कृष्णा जैसा पवित्र हो तो यह संभव है।
माना की जग की नजरों में
उनका प्रेम अधूरा आधा है
पर हर मंदिर हर कण में
कृष्ण के संग बस राधा है ।
वह हृदय होता है ख़ास,
जिसमें बसते है राधा संग श्याम।
राधा ने श्री कृष्णा से पूछा,
प्यार का असली मतलब क्या होता हैं,
श्री कृष्णा ने हँस कर कहा,
जहाँ मतलब होता हैं वहां प्यार ही कहाँ होता हैं।
सुद-बुद खो रही राधा रानी ,
इंतजार अब सहा न जाए ,
कोई कह दो सावरे से ,
वो जल्दी राधा के पास आए..
पाने को ही प्रेम कहे,
जग की ये है रीत..
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी
राधा-कृष्णा की प्रीत।
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।
कान्हा और राधा का इश्क बेदाग है
इसीलिए तो सब लेते
कान्हा से पहले राधा का नाम हैं…
राधे कृष्णा…
कृष्ण ने राधा से पूछा ऐसी एक जगह बताओ,
जहाँ में नहीं हूँ
राधा ने मुस्कुरा के कहा,
बस मेरे नसीब में।
राधा जी के रोम-रोम में कान्हा
और कान्हा की हर धड़कन में राधा जी का नाम होना,
यही प्रेम प्रतिज्ञा थी।
होता है जिस पर राधा को मान,
वही है ये कृष्ण जी जो हर दिल में है विराजमान।
संगीत है श्रीकृष्ण, सुर है श्रीराधे
शहद है श्रीकृष्ण, मिठास है श्रीराधे
पूर्ण है श्रीकृष्ण, परिपूर्ण है श्रीराधे
आदि है श्रीकृष्ण, अनंत है श्रीराधे
प्यार तो हमारा राधा कृष्णा के जैसा ही होगा,
चाहे हम एक दूसरे की किस्मत में न हो |
राधे कृष्ण अनमोल सुविचार
अगर तेरी बंदगी न होती,
तो कान्हा ये ज़िंदगी, ज़िंदगी न होती।
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले,
मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले।
कृष्णा के दिल में राधा के लिए एक अलग से जगह है,
जो कभी किसी और से भरी नहीं हो सकती।
दोस्ती कृष्ण की सुदामा जैसी
प्यार कृष्ण का राधा जैसा
मन जो मोहे बांसुरी जैसा ।
प्रेम में प्रेमियों की आत्मा एक हो जाती है ,
कोई बताएगा राधा से कृष्ण कब बिछड़े |
गोरी राधा और काले कृष्ण
का प्रेम दो शरीरों का नहीं
दो आत्माओं का मिलन है…
राधे कृष्ण… राधे कृष्ण…
तेरे सीने से लग कर तेरी धङकन बन जाऊँ,
तेरी साँसों में घुल कर खुशबू बन जाऊँ।
हो ना फासला कोई हम दोनो के दरमियाँ
मैँ… मैँ ना रहूँ कान्हा.. बस तु ही तु बन जाऊँ।