BEWAFA SHAYARI | BEWAFA SHAYARI IN HINDI MESSAGES | BEWAFA SHAYARI IMAGES | BEWAFAI SHAYARI STATUS
New BEWAFA SHAYARI in Hindi Status
बेवफा शायरी / Bewafa Shayari: हम आज BEWAFA SHAYARI की पोस्ट लाये हैं, बेवफा का मतलब वह होता है जिसने किसी की वफ़ा के बदले वफ़ा नहीं दी| यह पोस्ट उन कठोर दिल बेवफा लोगों है जो किसी के प्यार को समाझे नहीं। इस पोस्ट की BEWAFA SHAYARI , BEWAFA Shayari Messages, BEWAFA Shayari Images, BEWAFA Shayari Status के माध्यम से आप अपने अंदर के दर्द को महसूस कर पाएंगे और किसी को समझा पाएंगे। और आप उन्हें अपने Whatsapp status, Instagram, Facebook पर भी लगा सकते है। अगर आप चाहे तो उन्हें अपने प्यारे दोस्तों को और अपने जानने वालों को भी भेज सकते हैं| यदि आपको यह पोस्ट पसंद आती है तो शेयर जरूर करें।
BEWAFA SHAYARI in Hindi Status | बेवफा शायरी इन हिंदी स्टेटस
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे झुका लेगी…
उसे मेरी कब्र पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
बिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगी,
मेरी साँसों ने भी हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
जाने क्या मोहब्बत थी उस बेवफ़ा में,
कि मैंने आखिरी फरियाद में भी उनकी वफ़ा मांगी।
ठुकरा के उसने मुझे कहा कि मुस्कुराओ;
मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था;
मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं;
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था।
मौत मांगते हैं तो जिन्दगी खफा हो जाती है;
जहर लेते हैं तो वो भी दवा हो जाती है तू ही बता,
ऐ दोस्त क्या करूं जिसे भी चाहा वो बेवफा हो जाती है !!
मेरी कोई खता तो साबित कर बुरा हूँ तो बुरा साबित कर,
तुझसे प्यार है इतना तू क्या जाने….
चल में बेवफा हूँ तू अपनी वफ़ा साबित कर !!
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर
दिलों को तोड़ देते हैं,
आप मंजिल की बात करते हो
लोग राहों में छोड़ देते हैं।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
कितने आसान लफ्जों मे
कह गई मुझे,
सिर्फ दिल ही तोड़ा है
कौन-सी जान ले ली तेरी!!
गलती तुम्हारी नहीं है,
हद से ज्यादा मोहब्बत,
लोगो को बेवफ़ा बना देती है।
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं.
तुझे भूल कर कहीं
मैं मर ना जाऊं…
इस तरह के कुछ वादे थे
उस बेवफा के…
जिन्दगी में प्यार का पौधा लगाने से पहले,
जमीन परख लेना क्योंकि, हर मिट्टी
की फितरत में, वफ़ा नहीं होती.
तेरा दिया हुआ जख्म मेरे काम आ गया,
भरी महफिल में मैंने बेवफा कहा,
और सब के लबो पे तेरा नाम आ गया !
इस मतलबी दुनिया में
इश्क़ सिर्फ दिखावा है,
तुझे भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है !!
नाजुक लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले।
तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है की,
अब मैं नही रोता मुझे देख कर लोग रोते हैं !
फूल के साथ कांटे भी नसीब होता है.
ख़ुशी के साथ ग़म भी नसीब होता है.
मज़बूरी ही ले डूबती है हर आशिक़ को,
वार्ना ख़ुशी से बेवफा कौन होता है.
बड़ा अजीब दस्तूर है इस दुनिया का
बेवफाई दिलबर करता है लेकिन…
बदनाम सरेआम मोहब्बत होती है…
बेवफाओं को बेवफाई का
कुछ इस कदर से शौक होता है कि
उन्होंने कितनों से बेवफाई की
उन्हें याद तक नहीं होता!!
क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों,
वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए।
बेवजह कोसते रहे हम
उन्हें बेवफा कहकर,
शायद हमारी ही वफ़ा में
कोई कमी रह गयी होगी।
उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था;
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था;
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम;
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।
मुझे गम नहीं तेरी बेवफाई का,
मैं मायूस हूँ बस अपनी वफ़ा से
किस-किस को तू खुदा बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी !
टूटा ये दिल मेरा
उनकी बातों के जोर से,
जब पता चला कि
उसे प्यार है किसी और से।
हमें तो कब से पता था की तू बेवफा है !
तुझे चाहा इसलिए कि शायद तेरी फितरत बदल जाये !!
दुनिया को दिखाने के लिए हस्ता हूं ,
लेकिन अंदर ही अंदर कितना रोता हूं
किसी को अपना दर्द नही दिखता कही
लोग प्यार करना न भूल जाए।
वफाओं की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने;
ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने;
उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें;
मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने।
महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है;
मिलें ना सही, जुदाई तो मिलती है;
प्यार में कुछ नहीं मिलता;
वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है।
कहाँ से लाऊ हुनर उसे मनाने का;
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का;
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी;
क्यूंकी जुर्म मैंने किया था उससे दिल लगाने का।
रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्क़े हल्क़े,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.
सब कुछ होते हुए भी इस दिल का दर्द नही जाता
क्युकी किस्मत ने हमे बेवफा बना दिया ।
मोहब्बत खूबसूरत होगी…
किसी और दुनियाँ में….
इधर तो हम पर जो गुजरी है…
हम भी जानते है….
मजबूरी में जब कोई जुदा होता हैं,
जरूरी नहीं की वो बेवफा होता हैं,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता हैं।
इतनी मुश्किल भी ना थी
राह मेरी मोहब्बत की,
कुछ ज़माना खिलाफ हुआ
कुछ वो बेवफा हो गए।
वफादार और तुम….??
ख्याल अच्छा है
बेवफा और हम…??
इल्जाम भी अच्छा है
यू बदलने का अंदाज
जरा हमें भी सिखा दो
जैसे हो गए हो तुम बेवफा
वैसे हमें भी बना दो।
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे,
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे,
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा,
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क
पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
मोहब्बत के तराजू में
वफा और बेवफा को तोला तो…
वफा हल्की पड़ गई और
बेवफाई भारी हो गई!!
मोहब्बत में अक्सर ऐसा ही होता है
बेवफाई करने वाले हंसते हैं..
और वफा करने वाले रोते हैं…
मेरे जज्बातों की कदर
वह बेवफा क्या करेगा
मेरी तरह वह भी
घुट घुट कर मरेगा !
तेरी बेवफाई का गम तो नहीं,
मगर तू बेवफा है दुःख ये भी कम नहीं !
हमको दिल से भी निकाला गया, फिर शहर से भी,
हमको पत्थर से भी मारा गया, और जहर से भी !
जो भूल गया उस बेवफा को क्या याद करें
आगे लम्हे बुला रहे हैं
आओ मिलकर उनसे बात करें..!!
प्यार में जो तूने मुझे बेवफाई की सजा दी…
मेरी वफाओं का कुसूर क्या था
इतना तो बता दिया होता…
वफाएं करने वालों को
जमाने में कुछ नहीं मिलता
बेवफाई करने वालों को देखो
बड़े खुशहाल रहते हैं!!
नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब,
यह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी.
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से..
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।
FAQ’s
बेवफा शायरी क्या है?
बेवफा शायरी एक ऐसी कविता है जो दो लोगों के बीच टूटे हुए रिश्तों को व्यक्त करती है। इसमें आमतौर पर दोस्ती, प्यार, इश्क, अलविदा, तन्हाई और अधिक जैसे विषय होते हैं।
बेवफा शायरी का इतिहास क्या है?
बेवफा शायरी का इतिहास बहुत पुराना है। यह शायरी का एक विशेष प्रकार है जो भारतीय संस्कृति और साहित्य में बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी शुरुआत ग़ज़ल, नज़्म और दोहे जैसी विभिन्न रचनाओं से हुई।
बेवफा शायरी के विभिन्न प्रकार कौन से हैं?
बेवफा शायरी के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे कि ग़ज़ल, नज़्म, दोहे, शेर, शायराना अंदाज़ और अधिक।
बेवफा शायरी के लिए विषय क्या होते हैं?
बेवफा शायरी के लिए विषय आमतौर पर दोस्ती, प्यार, इश्क, अलविदा, तन्हाई, खुशी, दर्द, अफसाने, यादें और अधिक जैसे विषय होते हैं।
“बेवफा” का अर्थ क्या होता है और इसका “बेवफा शायरी” से क्या संबंध होता है?
“बेवफा” शब्द का अर्थ होता है कि वह व्यक्ति जो अपने रिश्ते में वफादार नहीं होता है। बेवफा शायरी एक ऐसी कविता है जो टूटे हुए रिश्तों को व्यक्त करती है। इसमें आमतौर पर दोस्ती, प्यार, इश्क, अलविदा, तन्हाई और अधिक जैसे विषय होते हैं। बेवफा शायरी उन लोगों के लिए होती है जो टूटे हुए रिश्तों के दर्द को व्यक्त करना चाहते हैं। इसका उपयोग अक्सर विभिन्न अवसरों पर जैसे कि दोस्ती, प्यार, इश्क, अलविदा, तन्हाई और अधिक के दौरान किया जाता है।
“सनम बेवफा” का अर्थ क्या है और इसका “बेवफा शायरी” से क्या संबंध है?
“सनम बेवफा” एक हिंदी फिल्म है जो 1991 में सावन कुमार टाक द्वारा निर्देशित और उत्पादित की गई थी। इसमें सलमान खान, चांदनी, प्राण, डैनी डेन्जोंगपा जैसे कलाकार हैं। यह पाकिस्तानी फिल्म “हक़ मेहर” का रीमेक है। “सनम बेवफा” शब्द का अर्थ होता है “वफादार नहीं”। इस फिल्म में दो पठान जातियों के परिवारों के बीच झगड़ा होता है। सलमान खान शेर खान के बेटे हैं, जो फतेह खान की बेटी रुखसार से प्यार करते हैं। इस फिल्म में बेवफाई के विषय पर ध्यान केंद्रित किया गया है।